Shiksha Vibhag Update : राजस्थान शिक्षा विभाग में 1.17 लाख पद खाली, बोर्ड परीक्षाओं से पहले कोर्स अधूरे

राजस्थान के शिक्षा विभाग में शिक्षकों और कार्मिकों के 1.17 लाख से अधिक पद खाली हैं, जिससे सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था प्रभावित हो रही है। राजस्थान बोर्ड (RBSE) की परीक्षाएं 6 मार्च से शुरू होने वाली हैं, लेकिन कई स्कूलों में विषय अध्यापक ही उपलब्ध नहीं हैं, जिससे छात्रों का कोर्स अधूरा पड़ा है।

रिक्त पदों की संख्या चिंताजनक

राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं और सुधार प्रयासों के बावजूद, शिक्षा विभाग में मैनपावर की भारी कमी बनी हुई है। शिक्षा विभाग के 1 जनवरी 2025 को जारी आंकड़ों के अनुसार, अधिकारियों, शिक्षकों और अन्य कार्मिकों के 1,16,827 पद रिक्त हैं।

शिक्षकों के रिक्त पदों की स्थिति

पद (शिक्षक) स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त पद
प्राचार्य व समकक्ष 17,952 10,328 7,624
उपाचार्य व समकक्ष 12,424 4,859 7,565
प्राध्यापक (स्कूल शिक्षा) 55,019 37,536 17,483
वरिष्ठ अध्यापक 91,139 65,982 25,157
विषय अध्यापक 1,03,148 87,184 15,964
शारीरिक शिक्षक 11,506 10,529 977
राज्य पुस्तकालयाध्यक्ष 1 0 1
पुस्तकालयाध्यक्ष (श्रेणी I, II, III) 4,157 2,253 1,904
वरिष्ठ प्रयोगशाला सहायक 440 225 215
प्रयोगशाला सहायक 4,222 3,528 694
वरिष्ठ कंप्यूटर अनुदेशक 591 249 342
बेसिक कंप्यूटर अनुदेशक 9,862 6,332 3,530
पूर्व प्राथमिक शिक्षा अध्यापक 1,477 934 543

अधिकारियों के रिक्त पदों की स्थिति

पद (अधिकारी) स्वीकृत पद कार्यरत रिक्त पद
संयुक्त निदेशक 14 9 5
उपनिदेशक 21 14 7
डीईओ व समकक्ष 44 20 24
एडीईओ (शारीरिक शिक्षा) 44 21 23

बोर्ड परीक्षाओं से पहले कोर्स अधूरे

शिक्षकों की भारी कमी के कारण, राज्य के कई सरकारी स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं से पहले कोर्स अधूरा है। छात्र और अभिभावक इस स्थिति से चिंतित हैं, क्योंकि यह परीक्षाओं में उनके प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है।

पदोन्नति और भर्ती प्रक्रिया धीमी

हाल ही में RPSC ने उपाचार्यों को पदोन्नत कर प्राचार्य पद के लिए डीपीसी आयोजित की थी, जिसके तहत 5,005 शिक्षकों की पदोन्नति सूची जारी की गई। हालांकि, शाला दर्पण पोर्टल पर 1 जनवरी 2025 तक रिक्त पदों की स्थिति जस की तस बनी हुई है।

शिक्षा विभाग की क्या है योजना?

राज्य सरकार ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही नए शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि, जब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं होती, तब तक मौजूदा शिक्षकों पर ही अतिरिक्त जिम्मेदारी डालनी पड़ेगी।

निष्कर्ष

राजस्थान के शिक्षा विभाग में 1.17 लाख पदों की कमी सरकारी स्कूलों की शिक्षा गुणवत्ता पर बड़ा प्रभाव डाल रही है। छात्रों का कोर्स अधूरा रहना और परीक्षा की तैयारी प्रभावित होना एक गंभीर समस्या है। सरकार को इस दिशा में शीघ्र कदम उठाने की जरूरत है, ताकि भविष्य में शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो सके।

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